हमारा देश भारत नारी प्रधान देश माना जाता है। पूरे विश्व में भारतवर्ष ही एक ऐसा देश है मां शब्द से संबोधित किया जाता है। अमेरिका माता चीन माता पाकिस्तान माता या रूस माता हम नहीं सुनते हैंलेकिन भारतवर्ष को भारत माता के नाम से जाना जाता है और ऐसा बोलते पर हम अपने आप को गौरवजाना जाता है और ऐसा बोलने पर हम अपने आप को गौरव बैंटिक महसूस करते हैं लेकिन आज हम वर्तमान समय में नारियों की स्थिति ऐसी नहीं है जिसकी हम कल्पना करते आए हैं। आज समाज में भ्रूण हत्या दहेज प्रथा हत्या योन उत्पीड़न से लेकर अनेक सामाजिक कुरीतियों से होकर महिलाओं को गुजराा पड़ता हैं।
ऐसी स्थिति में कन्या विवाह एवं महिला जनकल्याण सोसाइटी महिलाओं के सर्वांगीण विकास हेतु विभिन्न योजनाओं के माध्यम से नारियों को उत्थान करने का प्रयास करेगी। सर्वप्रथम यह माना जाता है कि अगर मनुष्य को ऊंचाई की चरण सीमा पर पहुंचना है तो उसके आत्म
में बाल को मजबूत करना होगा । आत्मबल से कमजोर व्यक्ति को अगर स्वर्ग का खजाना भी दे दिया जाएगा तो उसका उपयोग नहीं करेगा। ऐसी स्थिति में योग साधन आध्यात्मा पर आधारित परिष्कृत विज्ञान की शिक्षा नारियों को स्वालंबन हेतु उत्कृष्ट प्रशिक्षण एवं दहेज मुक्त आदर्श विभाग पद्धति के माध्यम से सामूहिक विवाह कार्यक्रम को प्रखंड से लेकर पंचायत स्तर तक आयोजित करना समिति का लक्ष्य होगा। यह जाति धर्म वर्ग एवं अन्य संकीर्ण भावनाओं से ऊपर उठकर मानव सेवार्थ निस्वार्थ भाव से कार्य करेगी । सोसाइटी का लक्ष्य गांव गांव तक घूम कर समाज के अंतिम व्यक्ति तक अपने उद्देश्य को पहुंचाना है जिससेन्याओं को भ्रूण अवस्था से लेकर वृद्ध अवस्था तक सुरक्षा प्रदान किया जाए।
तो लिए कन्या विवाह एवं महिला जनकल्याण सोसाइटी पश्चात्या
के सभ्यता के तहत हो रहे विशक्त वातारण से समाज को निकाल कर स्वच्छ भारतीय संस्कृतिको समाज में स्थापित करके महिलाओं को आदर्श शिक्षा लेकर स्वास्थ्य स्वालंबनएवं सामाजिक जागरूकता सेजुर का आदर्श परिवार बनाये।
इन्हीं शुभकामनाओं के साथ
सचिव शैलेश कुमार